राखी के इंसाफ ने ली एक जान !

प्रस्तुतकर्ता व्‍यंग्‍य-बाण Thursday, November 11, 2010


राखी के इंसाफ ने ली एक जान !
आखिर वह हो ही गया, जिसकी कुछ-कुछ कल्पना हमने की थी। दो दिन पहले ही हमने एनडीटीवी इमेजिन पर दिखाए जा रहे शो राखी का इंसाफ पर लिखा था, राखी का इंसाफ या कानून का मजाक। जैसा कि अनुमान था कि इस तरह इंसाफ से किसी न किसी को खासा नुकसान होना ही था, वह हो गया। बुंदेलखंड के झांसी क्षेत्र के राजगढ़ से इंसाफ मांगने आए शख्स लक्ष्मण को शो पर जितनी बेईज्जती मिली, उसने जिंदा रहने की बजाय मौत को गले लगाना ही उचित समझा। पारिवारिक विवादों तथा ससुराल पक्ष से चल रहे झगड़े को उसने टीवी शो के माध्यम से सुलझाने की चाह में हिस्सा ले लिया और राखी ने उसे कह दिया नामर्द। शो में आए लोगों के अलावा टीवी पर कार्यक्रम देख रहे लोगों के बीच इस तरह का अपमान वह सहन नहीं कर सका। क्या राखी के पास कोई ऐसा पैमाना था कि वह लक्ष्मण की मर्दानगी की जांच कर पाती, या फिर लोगों के बीच अपना बड़बोलापन साबित करने के लिए कुछ भी कहने की उसे छूट है ? लक्ष्मण इतना अपमान बर्दाश्त करने के बावजूद न तो राखी का कुछ बिगाड़ सकता था न ही उसे कोई इंसाफ मिला, जैसी उम्मीद उसने शो में आने से पहले की थी। अपमान का दंश वह कितने दिनों तक सहता लिहाजा उसने अपनी जान ही दे दी। शो पर आए लोगों का अपमान, महिला अधिकारों का हनन, पुरूषों को उटपटांग करने की उसे इतनी छूट मिली हुई है कि वह गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके किसी की भी बेईज्जती कर सकती है ?लक्ष्मण तो इस दुनिया से चला गया, पर इंसाफ जैसे पवित्र शब्द के साथ खिलवाड़ करने वाले एनडीटीवी इमेजिन, शो के निर्माता, राखी सावंत सहित जिम्मेदार लोगों पर कोई कड़ी कार्रवाई होगी ? क्या देश की अदालतें इस तरह इंसाफ के नाम पर उड़ाए जा रहे कानून के मजाक पर संज्ञान लेते हुए इस शो से संबंधित लोगों को लक्ष्मण की मौत का जिम्मेदार मानेगी ? या फिर लक्ष्मण की मौत के किस्से को लोग कुछ दिन बाद भूल जाएंगे, और राखी की ऐसी अश्लील लफ्फाजी पर तालियां पीटेंगे ? इससे बड़े शर्म की बात क्या हो सकती है कि ऐसी महाविवादित, मर्यादा को ताक में रखने वाली, सामान्य बातचीत में भी भद्दे लफ्जों का इस्तेमाल करने वाली राखी सावंत एक मशहूर सेलिब्रिटी और आयटम गर्ल मानी जाती है और लोग उसकी घटिया लफ्फाजी को सुनकर मजे करते हैं और तालियां बजाते हैं। शर्म, शर्म और बेहद शर्मनाक........कैसा है यह राखी का इंसाफ, जिसने लक्ष्मण के साथ इंसाफ की बजाय बेइंसाफी कर दी .

1 Responses to राखी के इंसाफ ने ली एक जान !

  1. wakai yah bahut hi sharmnak hai....TV media ko manoranzan ki apni haden tay karni hi chahiye..


    shashakt tippani ke liye aapko badhai.

     

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दैनिक छत्‍तीसगढ में ब्‍यूरो चीफ जिला जांजगीर-चांपा
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