मय से मयकदा से, इश्क इक अदा से
जिंदगी है आज मेरी, तेरी ही सदा से
मय से मयकदा से........
सुर्ख सुर्ख आंखों में अश्क थे भरे
मेरी ये दिले हालत क्या बयां करें
अलविदा करके तुझे हो गए जुदा से
मय से मयकदा से्....
तू नहीं तो ऐ दिलबर, जाम साथ है
फानी दुनिया में जीना अपने हाथ है
अब शिकवा किससे करें, खुद से या खुदा से
मय से मयकदा से.....
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बढिया गजल है।
सुर्ख सुर्ख आंखों में अश्क थे भरे
मेरी ये दिले हालत क्या बयां करें
अलविदा करके तुझे हो गए जुदा से
मय से मयकदा से्....
"behtreen"
bahut achche.....all the best....