वो गली हुस्‍न की, ये आशिकी का शहर
दिल में जिंदा है तेरी, तीरे नजर तीरे नजर
वो गली हुस्‍न की....
दिल में तूफ़ान उठा ये चांदनी देखकर
चांद शर्मिंदा हुआ तुझको दिलनशीं पाकर
फिर उठी दर्दे लहर,एक नजर एक नजर
वो गली हुस्‍न की.....

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व्‍यंग्‍य-बाण
दैनिक छत्‍तीसगढ में ब्‍यूरो चीफ जिला जांजगीर-चांपा
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